
मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल संबल योजना से दुर्लभ बीमारियों से पीड़ितों का हो रहा उपचार
टोंक। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश के प्रत्येक जरूरतमंद एवं पात्र व्यक्ति समेत आमजन के हितों की ध्यान में रखकर उनको प्रत्येक क्षेत्र से जुडी सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल संबल योजना की शुरूआत की गई है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक करतार सिंह मीणा ने बताया कि इस योजना का उदेश्य राज्य के दुर्लभ बीमारियों से पीडित बालक-बालिकाओं को समुचित सुविधा को पूर्ति करना है। इस योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने के प्रावधानों को सुनिश्चित कर ऐसे बालक-बालिका जो दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित है उनके परिवारों को समय पर पात्रतानुसार निरन्तर आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाकर संबल प्रदान किया जाता है। योजना अंतर्गत पात्र बालक-बालिकाओं को 50 लाख तक का निशुल्क इलाज प्रदान किया जाता है। साथ ही, 5 हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन राशि का भुगतान भी किया जाता है।
सहायक निदेशक मीणा ने बताया कि इसके लिए बालक-बालिका की आयु 18 वर्ष से कम होना आवश्यक है साथ ही आवेदक राजस्थान का मूल निवासी हो। उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत सक्षम चिकित्सा अधिकारी द्वारा दुर्लभ बीमारी से पीड़ित होने के प्रमाण के आधार पर ऐसे बालक बालिका आर्थिक सहायता के पात्र होंगे। पालनकर्ता द्वारा बालक-बालिका के दुर्लभ बीमारी से पीड़ित होने की स्थिति में जन आधार नम्बर द्वारा ई-मित्र अथवा स्वयं की एसएसओ आईडी से बायोमेट्रिक या ओटीपी के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।