
भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान में 32 वाँ वार्षिक उत्सव आयोजित
जोधपुर। भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान, चोखा जोधपुर का 32 वाँ वार्षिक उत्सव संस्थान परिसर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर भारत सरकार, वस्त्र मंत्रालय से विकास आयुक्त (हथकरघा) डॉ. एम. बीना मुख़्य अतिथि रही। संस्थान निदेशक डॉ. शिवज्ञानम के. जे. ने मुख़्य अतिथि एवम विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया और छात्र सचिव वासु शर्मा के कार्यो को सराहा तत्पश्चात संस्थान की वार्षिक गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया । कार्येक्रम में डॉ. एम. बीना, मुख़्य अतिथि ने IIHT संस्थान में बीकानेर, पोकरण, जैसलमेर, जोधपुर के बुनकरों के उत्पादों का बारीकी से अवलोकन किया एवं एनएचडीसी से सस्ती दरों पर धागा उपलब्ध कराने पर चर्चा की, संस्थान के छात्रों के द्वारा बनाये गए हथकरघा उत्पादों की प्रदर्शनी का भर्मण किया एवं छात्रों का उत्साहवर्धन किया।
इस अवसर पर एक पेड़ मां के नाम कैपेन के तहत पौधा रोपण किया। वार्षिक उत्सव में होनहार छात्रों को शैक्षणिक, खेलकूद, वस्त्र कला, वस्त्र रंगाई, कम्प्यूटर ज्ञान आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ठता आधारित पारितोषिक वितरण किये। विकास आयुक्त हथकरघा ने अपने भाषण में पारम्परिक हथकरघा परिधान के महत्व, कार्बन फुटप्रिंट कम करने, पर्यावरण सरक्षण, रोजगार की असीमित संभावनाओं, विदेशों में हथकरघा वस्त्रों की मांग, वोकल फ़ॉर लोकल, महिला रोजगार एवं महिला सशक्तिकरण, आत्मनिर्भर भारत, बुनकरों की हथकरघा कला, भारतीय पुरातन वस्त्रकला, इकोफ़्रेंडली एवं सस्टेनेबल टेक्सटाइल की तरफ हथकरघा उत्पादन को एक अच्छा और श्रेष्ठतम कदम बताया । ऑल इंडिया द्वितीय रैंक प्राप्त करने वाली छात्रा श्रुति शर्मा के प्रयासों को भी सराहा I आयुक्त ने हथकरघा उधमियता एवं दैनिक जीवन में हथकरघा परिधानों पर विशेष व्याख्यान दिया !
विशिष्ट अतिथि एनआईएफटी जोधपुर के डायरेक्टर डॉ. जीएचएस प्रसाद ने छात्रों को हथकरघा क्षेत्र में नवाचार हेतु नए-नए आइडिया के बारे में बताया की किस तरह से हथकरघा मशीनी युग से अलग है एवं भारतीय हथकरघा देश विदेश में चर्चित है! मंच का संचालन प्रगति एवं संध्या ने किया।