
खुशहाल राजस्थान की पहचान सुखी एवं समृद्ध किसान : राज्य सरकार कांटेदार/चैनलिंक तारबंदी करवाने पर दे रही अनुदान
सवाई माधोपुर। राजस्थान सरकार कृषि उत्पादन को बढ़ाने सीमांत एवं लघु स्तर के किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से तारबंदी योजना पर अनुदान दे कर किसानों को राहत प्रदान कर रही हैं। सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों की फसलों को आवारा पशुओं के नुकसान से बचाने के लिए ये जन कल्याणकारी योजना चलाई जा रही है। किसान कड़ी मेहनत व लागत लगाकर फसल और सब्जियां पैदा करते हैं परंतु नील गाय व आवारा पशुओं द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाया जाता है। फसलों की सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुए राजस्थान सरकार द्वारा कृषि विभाग के माध्यम से खेतों की कांटेदार/चैनलिंक तारबंदी करवाने पर अनुदान दिया जा रहा है।
भौतिक लक्ष्य:- राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष प्रत्येक जिले में कांटेदार/चैनलिंक तारबंदी योजना के लिए अलग-अलग दूरी के लक्ष्य निर्धारित किए जाते है। इसी के तहत सवाई मधोपुर जिले को वर्ष 2024-25 के लिए राज्य सरकार द्वारा 2 लाख मीटर लम्बाई के भौतिक लक्ष्य आवंटित किए गए हैं। उक्त भौतिक लक्ष्यों का आवंटन कृषि पर्यवेक्षक मुख्यालय अनुसार कर जिले के किसानों को योजना का लाभ दिया जाएगा।
योजना के लिए पात्रता व दिए जाने वाला अनुदान:- कांटेदार/चैनलिंक तारबंदी योजना के लिए आवेदन कर्ता राजस्थान के मूल का लघु एवं सीमांत किसान हो उसके पास 1.5 हेक्टेयर एवं अनूसूचित जन जाति क्षेत्र में 0.5 हक्टेयर कृषि भूमि हो। वहीं सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने हेतु समूह में यदि न्यूनतम 10 या अधिक किसान मिलकर 5 हेक्टेयर भूमि में तारबंदी करवाते हैं तो प्रति किसान अधिकतम 400 मीटर लंबाई पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 40 हजार की अनुदान राशि मिलेगी। लघु एवं सीमांत किसानों को 400 मीटर लंबाई पर ईकाई लागत का 60 प्रतिशत या 48 हजार रुपये प्रति कृषक देय होगा। वहीं लघु एवं सीमांत किसानों को अतिरिक्त 10 प्रतिशत या अधिकतम 8 हजार रूपए राज्य योजना से देय होगा।
आवश्यक दस्तावेज:- खेतों की तारबंदी पर अनुदान के लिए इच्छुक एवं पात्र किसान तारबंदी के लिए प्रस्तावित भूमि की पेरीफेरी का नवीनतम प्रमाणित संयुक्त नक्शा ट्रेस व जमाबंदी एवं जनाआधार कार्ड, आधार कार्ड लघु एवं सीमान्त प्रमाण पत्र। इन सभी दस्तावेजों के साथ ई मित्र केंद्र या स्वयं के द्वारा राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने के पश्चात ही विभाग द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाती है।
अनुदान की प्रक्रिया:- किसान द्वारा कांटेदार चैनलिंक तारबंदी योजना के लिए किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन करने के पश्चात विभाग द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति निकाली जाती है एवं विभाग द्वारा आवेदन कर्ता किसान को तारबंदी करने के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी जाती है। तत्पश्चात किसान या समूह द्वारा खेत में तारबंदी करने का कार्य किया जाता है। कार्य पूर्ण होने पर व्यय राशि के समस्त बिल किसान या समूह द्वारा संबंधित कृषि अधिकारी को उपलब्ध करवाने होते है। मौके पर जाकर संबंधित कृषि अधिकारी द्वारा कार्य पूर्ण होने का भौतिक सत्यापन राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन किया जाता है। इसके पश्चात अनुदान राशि का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है। राज्य सरकार की इस जन कल्याणकारी योजना में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर कृषि विभाग द्वारा आवेदन पत्रों का निस्तारण किया जाता है।
जिले की उपलब्धियां:- कांटेदार/चैनलिंक तारबंदी योजना के तहत सवाई मधोपुर जिले को वर्ष 2023-24 में 8 लाख 74 हजार मीटर एवं वर्ष 2024-25 में 2 लाख मीटर लम्बाई के भौतिक लक्ष्य राज्य सरकार द्वारा आवंटित किए गए है। जिले के 627 कृषकों ने आवेदन ऑनलाईन किए थे जिनमें से 312 आवेदनों की प्रशासनिक स्वीकृति विभाग द्वारा जारी की गई है।
राज्य सरकार की इस जन कल्याणकारी योजना से जहां किसानों को अपनी फसल की सुरक्षा का उचित प्रबंध करने में सहायता मिलेगी जिससे छोटे एवं सीमान्त किसानों की फसल में होने वाले नुकसान में कमी आएगी। वहीं दूसरी ओर राज्य में कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा एवं कृषि उत्पादकता भी बढ़ेगी। जिससे कृषकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी जो राज्य सरकार का मुख्य ध्येय है।