Dark Mode
बिहार चुनाव करेंगे कांग्रेस और राहुल की सियासी संजीवनी का फैसला

बिहार चुनाव करेंगे कांग्रेस और राहुल की सियासी संजीवनी का फैसला

इसमें कोई दो राय नहीं है कि कांग्रेस के सर्वमान्य नेता राहुल गांधी अपनी और पार्टी की साख बचाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे है। सियासत के जानकारों का मानना है बिहार के चुनाव कांग्रेस को सियासी संजीवनी देने का फैसला करेंगे। हाल ही राहुल गांधी द्वारा निकाली गई वोटर अधिकार यात्रा में उमड़ी भीड़ से राहुल और कांग्रेस काफी उत्साहित है। इसी बीच प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की एक लक्खी रैली के आयोजन के माध्यम से भाजपा ने राहुल की यात्रा को पंक्चर करने का प्रयास किया। राहुल गांधी की यात्रा ने बिहार में 1300 किलोमीटर का सफर तय किया और 23 जिलों के 110 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया। अब देखने की बात यह है कि राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा ने क्या हासिल किया और बिहार कांग्रेस के लिए क्या बदल गया है। हालांकि भीड़ किसी जीत का सही पैमाना नहीं है। मगर अपनी पार्टी के लिए यह वातावरण के निर्माण में सहयोगी हो सकती है। पिछले दो सालों में कांग्रेस पार्टी हिंदी पट्टी के तीन राज्यों सहित महाराष्ट्र और हरियाणा तथा लोकसभा चुनाव हारने के बाद घायल शेर की तरह दहाड़ रही है। कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडे का उपयोग किया। यहाँ तक की संसद भी चलने नहीं दी जा रही है। ईडी, सीबीआई और चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं पर तरह तरह के आरोपों की झड़ी लगाई। बिहार में अपनी यात्रा के दौरान एक नया आरोप और आरोपों की लिस्ट में जुड़ गया। राहुल गाँधी ने कहा नरेंद्र मोदी ने गुजरात चुनाव वोट चोरी से जीता। लोकसभा चुनाव वोट चोरी से जीतने का आरोप तो वे कई बार दोहरा चुके है। अब बिहार चुनाव उनकी संजीवनी का सहारा है। दूसरी तरफ बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को मुश्किलों में देखकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने महाराष्ट्र और हरियाणा की तर्ज पर बिहार में सक्रिय भूमिका निभाने के संकेत दिए हैं। लगातार लोकसभा चुनाव हारने के बात कांग्रेस के नेता समय समय पर इस प्रकार के बयान देते रहे है। राहुल गाँधी का वह चर्चित बयान याद कीजिये जिसमें उन्होंने कहा था, अगर राफेल की जांच शुरू हुई, पीएम मोदी जेल जाएंगे। बाद में राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में खेद जताकर माना है कि वह राफेल डील पर आरोप राजनीति से प्रेरित होकर लगा रहे थे। उन्होंने बिना किसी आधार के केन्द्र सरकार की सुरक्षा डील पर सवाल उठाया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी बिना सिर पैर के आरोप लगाने में पीछे नहीं रहे है। खरगे भी एक बार यह कह चुके है, अगर हमें 20 सीटें और आ जाती तो ये सारे लोग जेल में होते। ये लोग जेल में रहने के लायक हैं। गांधी अपनी पार्टी कांग्रेस के गिरते जनाधार से बेहद चिंतित है और देशभर के दौरे कर पार्टी को मज़बूत करने के प्रयास में जुटे है। वैसे हर नेता का दायित्व है वह अपनी पार्टी की साख बनाये, और इसी काम में राहुल लगातार लगे है। राहुल गांधी दिल्ली सहित हरियाणा और महाराष्ट्र में पार्टी की हार से हताश है। राहुल लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर है और ऐसा कोई भी मौका नहीं चुकते जब उनके निशाने पर मोदी होते है। यही नहीं राहुल ने देश की सवैंधानिक संस्थाओं यथा चुनाव आयोग, न्यायालय और प्रेस पर भी समय समय पर हमला बोला है। राहुल हमेशा मोहब्बत की बात करते है मगर मोदी और आरएसएस के बारे में अपनी नफरत छुपा नहीं पाते। हालाँकि वे कहते है मैं मोदी से नफरत नहीं करता। लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद राहुल कुछ अधिक ही उत्साहित हो रहे है। उन्हें होना भी चाहिए मगर विदेशी धरती पर जाकर मोदी और संवैधानिक संस्थाओं पर बेसिरपैर के आरोप लगाना देशवासियों के गले नहीं उतरता। राहुल के बयानों पर भाजपा आग बबूला हो रही है वहां इंडि गठबंधन की सहयोगी पार्टियां राहुल के बयानों का समर्थन कर अपनी एकजुटता प्रदर्शित कर रही है। नेता विपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी के गुस्से में बढ़ोतरी देखी जा रही है। राहुल गांधी को बहुत गुस्सा आता है जब लोग उन्हें तरह तरह की उपमाओं से नवाजते है। राहुल कई बार यात्राएं निकालकर लोगों के बीच गए। हर तबके के लोगों से मिले। उनका प्यार भी उन्हें मिला। राहुल गांधी की एक दशक की सियासी यात्रा पर दृष्टिपात करें तो पाएंगे कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने मोदी पर तरह तरह के आरोप लगाए। गौरतलब है राहुल ने देश की सवैंधानिक संस्थाओं यथा चुनाव आयोग, न्यायालय और प्रेस पर भी समय समय पर हमला बोला है।


-बाल मुकुन्द ओझा

Comment / Reply From

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!