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आमेर में जैन मंदिर की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में होगा कमेटी का गठन : राजस्व मंत्री

आमेर में जैन मंदिर की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में होगा कमेटी का गठन : राजस्व मंत्री

जयपुर। राजस्व मंत्री हेमन्त मीणा ने बुधवार को राज्य विधान सभा में कहा कि आमेर तहसील अंतर्गत ग्राम आमेर में जैन मंदिर के नाम दर्ज मंदिर माफी की भूमि को अवैध कब्जे व अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए जयपुर संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी में जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त, जयपुर जिला कलक्टर एवं नगर निगम हैरिटेज के आयुक्त शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि कमेटी द्वारा मामले का जल्द से जल्द निस्तारण कर दिया जाएगा।
राजस्व मंत्री शून्यकाल में बगरू विधायक कैलाश चन्द वर्मा द्वारा इस सम्बन्ध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाये गए मामले पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि यह कमेटी अतिक्रमियों की श्रेणी निर्धारित करेगी। जो अतिक्रमी पुनर्वास की पात्रता रखते हैं, उनका जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा बगराना, जयसिंहपुरा खोर एवं ऐसे अन्य स्थानों पर निर्मित फ्लैट्स में पुनर्वास किया जा सकेगा। राजस्व मंत्री ने कहा कि प्रश्नगत मंदिर माफी की भूमि पर अवैध रूप से संचालित वाणिज्यिक गतिविधियों के अतिक्रमियों को भूमि से बेदखल किया जाएगा।
इससे पूर्व राजस्व मंत्री ने बताया कि जैन मंदिर के नाम दर्ज 8 रकबा 1.41 हैक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण के रूप में हुए पक्के निर्माणों के भौतिक सर्वे के लिए 20 फरवरी, 2020 को तहसील कार्यालय ने आदेश जारी कर 15 सदस्यीय दल का गठन किया था। इसकी रिपोर्ट के अनुसार भू-राजस्व अधिनियम, 1956 की धारा 91 के तहत प्रकरण दर्ज कर 6 नवम्बर, 2020 को बेदखली के आदेश पारित किये जा चुके हैं।
राजस्व मंत्री ने बताया कि इस भूमि पर पक्के मकान व सघन आबादी काफी लम्बे समय से बसी हुई है। साथ ही, व्यावसायिक गतिविधियां होने के कारण पुनर्वास किये बिना अतिक्रमण हटाया जाना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रश्नगत भूमि जयपुर विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम के क्षेत्राधिकार में स्थित होने के कारण जयपुर विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम द्वारा उनका पुनर्वास कर अतिक्रमण हटाया जाना है। इसके लिए जिला कलक्टर, जयपुर द्वारा मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नगर निगम हैरिटेज व जयपुर विकास प्राधिकरण को पत्र लिखे गए हैं।

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